विवाह संस्कारों को विशेष महत्त्व क्यों दिया जाता है?

Deepak Kumar Saini -  Vastu & Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम बताएँगे कि हिंदू धर्म में विवाह संस्कारों को विशेष महत्त्व क्यों दिया जाता है? 

हिंदू धर्म

हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से सबसे महत्वपूर्ण संस्कार विवाह-संस्कार माना जाता है। 

विवाह-संस्कार

भारतीय संस्कृति में विवाह-संस्कार यही सिखाता है कि पति और पत्नी अपने धर्म पालन और सुप्रजा निर्माण करते हैं। 

भारतीय संस्कृति

विवाह में पति-पत्नी अग्नि को साक्षी मानकर एक दूसरे को अपनाते हैं और जीवन भर साथ चलने और निभाने के लिए वचन भी लेते हैं। 

पति-पत्नी

यह सत्य है कि पति के बिना पत्नी का और पत्नी के बिना पति का जीवन बिलकुल अधूरा है। 

सत्य बात

सबसे महत्वपूर्ण भारतीय संस्कृति में विवाह-संस्कार की देन यही है कि विवाह से केवल पति-पत्नी निकट नहीं आते हैं बल्कि 2 परिवार 1 होते हैं। 

2 परिवार

हमारी संस्कृति में पत्नी को अर्धांगिनी कहा जाता है जिसका अर्थ है कि पति का आधा अंग उसकी पत्नी मानी जाती है। 

अर्धांगिनी

विवाह वो संस्कार और धर्म है जो हरेक स्त्री और पुरुष के लिए अत्यंत सौभाग्यशाली होता है। 

सौभाग्यशाली

भारतीय संस्कृति, परंपरा और मान्यताओं के अनुसार विवाह-संस्कार अत्यंत महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है।

महत्वपूर्ण संस्कार

क्या मौन रखना लाभदायी होता है?