क्या मौन रखना लाभदायी होता है?
Deepak Kumar Saini - B.E. Civil - Vastu & Geopathy Expert
मौन पालन के समय मुँह से न बोलना जितना आवश्यक है उससे अधिक महत्वपूर्ण है किसी भी व्यावहारिक बात का विचार न करना।
परमार्थ सिद्धि के लिए व्यावहारिक बातों का अस्पष्ट विचार भी मन में नहीं आना चाहिए यही मौन पालन का सही अर्थ है।
मौन पालन की समयाविधि में साधना, चिंतन तथा मनन की अधिक से अधिक प्रमाण में आवश्यकता होती है।
मौन साधना को प्राचीन काल से ही तपस्या का लघु रूप ही माना गया है।
मौन धारण करने वाले साधक के शरीर में दैवी शक्तियों का वास होता है।
मौन धारण करने से मौन धारण करने वाले साधक की इच्छा शक्ति और मनोबल में वृद्धि होती है।
मौन धारण करने से मौन धारण करने वाले साधक को अल्प, लघु, शूद्र और महासिद्धि का लाभ प्राप्त होता है।
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