दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते क्यों करना चाहिए?

Deepak Kumar Saini - Vastu & Geopathy Coach & Expert

हिंदू संस्कृति

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि हिंदू संस्कृति में दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार या नमस्ते क्यों किया जाता है?

हथेलियों को जोड़कर

भारतीय संस्कृति में दोनों हथेलियों को जोड़कर स्वागत करने की पद्दति है जिसे हम नमस्कार कहते हैं।

अंजलि मुद्रा

जब दोनों की हाथों की उँगलियाँ एक-दूसरे से मिलाई जाती हैं जिसे योग में अंजलि मुद्रा भी कहते है।

शांति का आभास

उँगलियों के अग्रभाग में बहुत ही महत्वपूर्ण ऊर्जा बिंदु होते हैं जो हमारे दिमाग से जुड़े होते हैं तथा इसलिए ही नमस्कार करने पर हमें तुरंत शांति का आभास होता है।

ऊर्जा निर्देशित

शास्तों में प्रत्येक ऊँगली का अपना एक अलग ऊर्जा बिंदु व हरेक ऊँगली ऊर्जा निर्देशित भी करती है।

महत्वपूर्ण बिंदु

नमस्ते करते समय हमारी उँगलियों पर हल्का सा दबाव पड़ता है जो कि शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु माना जाता है।

नमस्कार या नमस्ते

हिंदू धर्म की संस्कृति में नमस्कार या नमस्ते करते समय सामने वाले व्यक्ति के प्रति आदर प्रकट होता है।

स्वागत तथा अभिवादन

नमस्कार करने के पीछे मुख्य भूमिका सामने वाले को प्यार और आदर पूर्वक स्वागत तथा अभिवादन करना है।

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