शरद नवरात्रि: कुष्मांडा माता कौन हैं?
Deepak Kumar Saini - Vastu & Geopathy Coach & Expert
कुष्मांडा माता
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि नवरात्रि के चौथे दिन पूजे जाने वाली कुष्मांडा माता कौन हैं?
स्वरुप की उपासना
शरद नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा माता के स्वरुप की उपासना की जाती है।
ब्रह्मांड की रचना
जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था तब कुष्मांडा माता ने जी ब्रह्मांड की रचना की थी।
सूर्यमंडल के भीतर
कुष्मांडा माता का निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है यहाँ पर निवास करने की शक्ति केवल इन्हीं माता में है।
कांति और प्रभा
कुष्मांडा माता के शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान की देदीप्यमान हैं।
तेज प्रकाश
कुष्मांडा माता जी के तेज प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित होती हैं।
वस्तुओं और प्राणियों
ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में अवस्थित तेज़ कुष्मांडा माता की देन है।
कुष्मांडा माता के आठ हाथ
कुष्मांडा माता के आठ हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा तथा जप माला है।
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