क्या मौन रखना लाभदायी होता है ?

Deepak Kumar Saini -  Vastu & Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि मौन रहना या मौन व्रत का पालन करना क्यों लाबदहि माना जाता है ?

मौन व्रत

मौन पालन के समय मुँह से न बोलना जितना आवश्यक है उससे अधिक महत्वपूर्ण है किसी भी व्यावहारिक बात का विचार न करना। 

व्यावहारिक बात

परमार्थ सिद्धि के लिए व्यावहारिक बातों का अस्पष्ट विचार भी मन में नहीं आना चाहिए यही मौन पालन का सही अर्थ है। 

मौन पालन

मौन पालन की समयाविधि में साधना, चिंतन तथा मनन की अधिक से अधिक प्रमाण में आवश्यकता होती है। 

समयाविधि

ऐसी मान्यता है की मौन साधना को प्राचीन काल से ही तपस्या का एक लघु रूप माना गया है। 

तपस्या का लघु रूप

हिन्दू मान्यताओं के आधार पर मौन धारण करने वाले साधक के शरीर में दैवी शक्तियों का वास होता है। 

दैवी शक्तियाँ

मौन धारण करने से मौन धारण करने वाले साधक की इच्छा शक्ति और मनोबल में वृद्धि होती है। 

मनोबल में वृद्धि 

मौन धारण करने से मौन धारण करने वाले साधक को अल्प, लघु, शूद्र और महासिद्धि का लाभ प्राप्त होता है।

महासिद्धि

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