योगिनी एकादशी के दिन करें ये काम
Depak Kumar Saini B.E. (Civil) Vastu & Geopathy Expert
प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं तथा इसलिए ही हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को "योगिनी" अथवा "शयनी" एकादशी कहते है।
योगिनी एकादशी का व्रत तीनों लोकों में प्रसिद्ध है तथा इसका व्रत रखने से सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
योगिनी एकादशी का व्रत 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल देता है तथा इससे अंत में स्वर्ग प्राप्त होता है।
योगिनी एकादशी का व्रत करने से इस लोक में भोग और परलोक में मुक्ति मिलती है।
योगिनी एकादशी के दिन कभी भी तुलसी जी के पौधे को न पानी दें, न तोड़ें और न ही छुएँ।
योगिनी एकादशी वाले दिन योगिनी एकादशी कथा ज़रूर पढ़ें तथा सुनें।
योगिनी एकादशी से एक दिन पहले ही तुलसी जी के पौधे का पत्ता तोड़ के रख लें ताकि आप अगले दिन उस पत्ते का उपयोग कर सकें।
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