पवित्र कार्यों में हल्दी क्यों ज़रूरी होती है?

Deepak Kumar Saini -  Vastu & Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि पवित्र कार्यों के लिए हल्दी क्यों ज़रूरी होती है?

पवित्र कार्यों में हल्दी

आयुर्वेदों के हिसाब से हल्दी को हज़ारों वर्षों से ही एक दवा के रूप में उपयोग में लाया जाता है।

दवा के रूप में उपयोग

हल्दी का उपयोग सूजन, जलन और अपचायक निरोधक के रूप में किया जाता है।

अपचायक निरोधक

हल्दी को बहुत ही पवित्र माना जाता है और कई धार्मिक विधियों में भी इसका बहुत ही ज़्यादा उपयोग किया जाता है।

धार्मिक विधियों

हल्दी में रोगाणुरोधक गुण भी पाए जाते हैं जिससे कई प्रकार के घावों में हल्दी का लेप लगाने से वे जख्म जल्दी भरने लगते है। 

हल्दी का लेप

हल्दी कैंसर, लिवर, अस्थि संधि शोधक, मानसिक धर्म और मधुमेह जैसी बीमारियों में हल्दी दवा के रूप में काम करती है।

बीमारियों में हल्दी की दवा

हल्दी में वातहर नामक एक गुण पाया जाता है जिसमे पेट से संबंधित होने वाले विकारों में इसका उपयोग किया जाता है।

पेट से संबंधित

हल्दी लगाने से त्वचा में निखार आती है इसलिए शादी-विवाह के अवसर के समय हल्दी का उबटन लगाया जाता है। 

शादी-विवाह

हल्दी से बना स्वस्तिक ही हमें अपने घर के मुख्य द्वार पर बनाना चाहिए ऐसा करने से कोई भी नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाती है।  

घर के मुख्य द्वार पर

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