तिलक के बाद चावल क्यों लगाते हैं?

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि मस्तक पर चावल या अक्षत क्यों लगाना चाहिए?

मस्तक पर रोली

हिंदू मान्यताओं के अनुसार चावल को अक्षत माना जाता हैं इसलिए अक्षत पूजा के समय बहुत काम आता हैं।

पूजा के समय

लोक कथाओं के मुताबिक माथे पर तिलक के बाद अक्षत लगाने का अर्थ है कि व्यक्ति जो काम करने जा रहा हो उसमे उसे विजय प्राप्त हो सके।

अक्षत लगाने का अर्थ 

धर्म ग्रंथों के हिसाब से अक्षत शब्द अक्षय से बना है जिसका अर्थ है कि उसका कभी अंत नहीं होता हैं।

अक्षत का मतलब 

मान्यताओं के अनुसार पूजा करते समय माथें पर तिलक लगाने के साथ-साथ अक्षत लगाना भी बहुत ही शुभ माना जाता है।

शुभ

ऐसा माना जाता है कि माथें पर तिलक के साथ अक्षत या चावल लगाने व्यक्ति में एक सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। 

सकारात्मक ऊर्जा 

हिंदू धर्म में चावल को सम्पन्नता का प्रतीक माना जाता है इसलिए तिलक के बाद अक्षत लगाने से व्यक्ति में सम्पूर्णता आती है। 

सम्पन्नता का प्रतिक

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