हरितालिका तृतीया का व्रत क्यों रखना चाहिए?
Deepak Kumar Saini - Vastu & Geopathy Coach & Expert
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि हरितलिया तीज का व्रत कब और कैसे रखा जाता है?
हरितालिका तीज का व्रत
हरितालिका तीज का व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीनें के
शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि
को हरितालिका तीज कहा जाता है।
हिंदू पंचांग
हिंदू पंचांग
अंग्रेजी पंचांग के मुताबिक हरितालिका तीज का व्रत
2024 में 6 सिंतबर शुक्रवार के दिन
को रखा जाएगा।
अंग्रेजी पंचांग
अंग्रेजी पंचांग
हरितालिका तीज का व्रत महिलाएँ अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु के लिए हर साल सच्ची श्रद्धा और आस्था के साथ व्रत रखती हैं।
श्रद्धा और आस्था
श्रद्धा और आस्था
हरितालिका तीज के व्रत को निराहार किया जाता है और तीज के सूर्योदय से व्रत का आरंभ होता है और चतुर्थी के सूर्योदय के बाद यह व्रत खोला जाता है।
निराहार व्रत
निराहार व्रत
हरितालिका तीज के व्रत के दिन पतियों को भी घर में तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
तामसिक वस्तुओं का सेवन
तामसिक वस्तुओं का सेवन
हरितालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को काले रंग से परहेज करना चाहिए। और काले रंग के कपडे़ नहीं पहनने चाहिए।
काले रंग से परहेज
काले रंग से परहेज
हरितालिका तीज के व्रत की पात्र कुँवारी कन्याएँ व सुहागिन महिलाएँ दोनों ही होती हैं।
कुँवारी कन्याएँ व सुहागिन महिलाएँ
कुँवारी कन्याएँ व सुहागिन महिलाएँ
महाराष्ट्र में भी इस हरितालिका तीज के व्रत का पालन किया जाता है क्योंकि अगले दिन ही गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की स्थापना की जाती है।
गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी
हरितालिका तीज के व्रत के दिन कुंवारी कन्याएँ और सुहागिन स्त्रियाँ भगवान गौरी-शङ्कर जी की पूजा करती हैं।
गौरी-शङ्कर जी की पूजा
गौरी-शङ्कर जी की पूजा
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