Deepak Kumar Saini B.E. (Civil) Vastu & Geopathy Expert
भारतीय परंपरा में चूड़ियाँ सुंदरता की एक निशानी मानी जाती हैं।
ऐसी भी मान्यता है कि चूड़ियों की खनखनाहट से घर में नकारात्मक शक्तियाँ नहीं आती है।
पहले समय में स्त्रियाँ सोना या चाँदी धातु से बनी चूड़ियाँ पहनती थी क्योंकि इन धातुओं में ऊर्जा शोषण करने की शक्ति होती है।
जब स्त्रियाँ चूड़ियाँ पहनती हैं तो उनकी कलाई में निरंतर घर्षण होता है जिससे उनके रक्त प्रवाह में सुधार व वृद्धि होती है।
सोने या चाँदी धातुओं की चूड़ियाँ पहनने से स्त्रियों की ऊर्जा का नाश नहीं होता है जिससे उन्हें काम करने की शक्ति मिलती है।
कई स्त्रियाँ लाख की चूड़ियाँ भी पहनती हैं जिन्हें सिर्फ धार्मिक अवसर तथा शादी-विवाह में पहनना ही ज्यादातर शुभ माना जाता है।
लाख की चूड़ियाँ पहनने से स्त्रियों को यकृत के रोगों तथा मोटापे जैसी बीमारी से बचाव मिलता है।
आजकल की बात करें तो काँच की चूड़ियों का चलन है जो सिर्फ मात्र एक फैशन है परंतु कलाई में चूड़ियाँ पहनने से स्त्रियों को हृदय संबंधित बीमारियाँ नहीं होती है।