मंदिर क्यों जाना चाहिए?

Deepak Kumar Saini B.E. (Civil) Vastu & Geopathy Expert

मंदिर केवल अत्यधिक सुंदर और वास्तुशिल्पीय ही नहीं होते हैं बल्कि ये आध्यात्मिक शक्ति के केंद्र भी हैं।

मंदिर घनात्मक और सकारात्मक ऊर्जा स्थित भूमि पर बनाए जाते हैं जहाँ पर अधिक प्रमाण में घनात्मक ऊर्जा होती है।

मूल स्थान जहाँ पर मंदिर में मूर्ति स्थापित की जाती हैं वह स्थान सर्वाधिक ऊर्जा का स्थान होता है।

मूर्ति प्रस्थापित करने के बाद चारों ओर गर्भग्रह का निर्माण किया जाता है।

गर्भग्रह के नीचे ताँबे के प्लेट्स वैदिक उच्चारणों के साथ जमीन में डाले जाते हैं।

तांबा सबसे अच्छा ऊर्जा संवाहक है जो पृथ्वी से ऊर्जा ग्रहण करके उत्सर्जित करने में सक्षम रहता है।

जब हम मंदिर जाते हैं ओर परिक्रमा करते हैं तब चुम्बकीय क्षेत्र के घेरे में आने से घनात्मक ऊर्जा अपने आप आत्मसात होती है।

मंदिर जाने से मानव शरीर के मन और आत्मा में नव चैतन्य का निर्माण होता है।

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