भोजन की शुरुआत तीखे व अंत मीठे से क्यों?
Deepak Kumar Saini B.E. (Civil) Vastu & Geopathy Expert
पुरानी मान्यताओं के अनुसार भोजन की शुरुआत तीखा खाकर और अंत मीठा खाकर की जाती थी जो आज भी प्रचलित है।
क्या आप जानते हैं भोजन की शुरुआत तीखे और अंत मीठे से करने का क्या तर्क है तथा ऐसा करने से क्या फायदा होता है?
शास्त्रों में बताया गया है कि जब हम तीखे से भोजन की शुरुआत करते हैं तो हमारे शरीर में पाचक द्रव्य तथा अम्लीय द्रव्यों का स्त्राव होता है।
भोजन की शुरुआत में तीखा खाने से हमारी पाचन क्रिया में वृद्धि होती है जबकि मीठा खाने से पाचन क्रिया मंद पड़ जाती है।
भोजन की शुरुआत में मीठा खाने से रक्त में शुगर बढ़ने से एमिनो एसिड टाइप्टोफेन का अंत:ग्रहण भी बढ़ता है।
जब शरीर में टाइप्टोफेन बढ़ता है तो उसकी वजह से सेरोटोनिन का भी स्तर भी बढ़ जाता है।
सेरोटोनिन तंत्रिका वाहक है जो हमारे शरीर को तंदुरुस्ती की भावना जगाने में कारणीभूत होती है।
सेरोटोनिन तंत्रिका वह भावना है जो भोजन समाप्त करने के बाद हमारे शरीर को इसका आभास जगाती है जिसे हम डकार कहते हैं।
भोजन की शुरुआत तीखे से करने से लेकर तथा डकार आने के बाद मीठा खाना हमारे शास्त्रों व पूर्वजों द्वारा बताया गया है।
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