शुभ काम से पहले क्यों खाते हैं दही-शक्कर?

Deepak Kumar Saini -  Vastu & Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि शुभ काम करने से पहले क्यों खाते हैं दही-शक्कर?

दही-शक्कर

हिंदू धर्म में एक परंपरा है कि किसी भी शुभ कार्य करने जाने से पहले दही-शक्कर खाकर ही निकलना चाहिए।

शुभ कार्य

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भारत में दही-शक्कर खाने की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है कहते हैं कि ऐसा करने से काम ज़रूर सफल हो जाता है।

पुरानी परंपरा

वैज्ञानिक आधारों के तहत दही शक्कर खाने से हमारे शरीर की नाभिक ठंडा रहती है और उदर भी तृप्त रहता है।

शारीरिक लाभ

यात्रा के पहले दही-शक्कर खाकर निकलना मिथिलांचल की खास परंपरा है जिसे बहुत ही शुभ बताया गया है।

दही-शक्कर

दही को सनातन धर्म में पंचामृत भी माना जाता है और हर शुभ कार्य में दही का विशेष महत्व होता है।

दही का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि चंद्रमा के साथ दही का संबंध होता है इसलिए दही खाने से हमारा चंद्रमा ग्रह सुदृढ़ होता है।

चंद्रमा ग्रह

लोक कथाओं के मुताबिक दही-शक्कर ग्रहण करके घर से बाहर निकलते हैं तो आपके अंदर का आत्मविश्वास और भी बढ़ जाता है।

आत्मविश्वास

मेडिकल क्षेत्र में भी दही का मतलब बहुत है यह सेहत के लिए काफी फ़ायदेमंद भी होता है तथा दही पाचन क्रिया को मजबूत भी करता है।

पाचन क्रिया मजबूत

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