शुभ कार्यों में कलश पूजन क्यों किया जाता है?
Deepak Kumar Saini - B.E. Civil - Vastu & Geopathy Expert
किसी भी पूजा की विधि में मिट्टी, पीतल या तांबे का एक पात्र होता है जिसे पानी से भरा जाता है उसे वास्तव में कलश कहते हैं।
आम के पत्तों को कलश के ऊपर की ओर रखा जाता है तथा इसके साथ ही नारियल भी रखा जाता है।
एक लाल व सफ़ेद रंग के धागे को कलश के ऊपर की तरफ लपेटा जाता है और कभी भी इसे बड़े ही शानदार ढंग से सजाया जाता है।
जब कलश में पानी अथवा चावल भरे जाते हैं तो इसी कलश को पूर्णकुंभ कहा जाता है।
कलश पूजन गृहप्रवेश, विवाह, पूजा, यज्ञ व हवन आदि जैसे धार्मिक व शुभ कार्यों में किया जाता है।
कलश का जल अत्यंत पवित्र होता है, आम के पत्ते व नारियल उत्पति का प्रतिनिधित्व करते हैं व धागा प्रेम का प्रतिक माना जाता है।
कलश का जल सभी धार्मिक विधियों और अभिषेक के उपयोग में लाया जाता है इसलिए शुभ कार्यों में कलश पूजन किया जाता है।
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