माला में 108 दाने ही क्यों होते हैं?
Deepak Kumar Saini - Vastu & Geopathy Coach & Expert
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे की जप करने वाली माला में 108 दाने ही क्यों होते हैं?
108 दाने
108 दाने
माला का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको भगवान का नाम निरंतर लेने में सहायता प्राप्ति होती है।
भगवान का नाम
भगवान का नाम
माला अलग-अलग चीज़ों से बनती है जैसे कि तुलसी, चंदन, स्फटिक, रुद्राक्ष आदि।
जप वाली माला
जप वाली माला
माला का महत्व हर धर्म में माना गया है चाहे वह हिंदू हो मुस्लिम हो या अन्य कोई और धर्म हो।
कोई भी धर्म
कोई भी धर्म
किसी भी धर्म में अपने-अपने भगवान का नाम स्मरण करते हुए 108 दानों की ही माला का इस्तेमाल किया जाता है।
नाम स्मरण
नाम स्मरण
हमारी साँसों की संख्या के आधार पर 108 दानों की माला को स्वीकार किया गया है।
साँसों की संख्या
साँसों की संख्या
1 मिनट में लगभग 15 साँसें मनुष्य लेता है उस हिसाब से 1 घंटे में 900 और 24 घंटे में 21,600 साँसें लेता है।
मनुष्य की सासें
मनुष्य की सासें
यदि 12 घंटे हर रोज़ की दिनचर्या में चला जाए तो शेष 12 घंटे की आधी साँसें यानि 10,800 भगवत स्मरण में जाएँ, ऐसी मान्यता है।
रोज़ की दिनचर्या
रोज़ की दिनचर्या
इसलिए 10,800 में अंतिम 2 शून्य निकाल कर 108 की माला बनाई गई है और इसे ईश्वर के स्मरण की मान्यता प्रदान की गई है।
ईश्वर का स्मरण
ईश्वर का स्मरण
विवाह संस्कारों को विशेष महत्त्व क्यों दिया जाता है?
Learn more