देवशयनी एकादशी के दिन क्या करें?

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है।

देवशयनी एकादशी

पुराणों में वर्णन है कि भगवान विष्णु जी देवशयनी एकादशी के दिन पाताल के राजा बलि के द्वार पर निवास करके कार्तिक शुक्ल एकादशी को लौटते हैं।

भगवान विष्णु

पद्म पुराण का दावा है कि देवशयनी एकादशी के दिन उपवास करने से जानबूझकर या अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है।

पद्म पुराण

देवशयनी एकादशी के दिन पूरे मन और नियम से पूजा करने से महिलाओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पूजा करना

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

मनोकामनाएँ पूर्ण

देवशयनी एकादशी के दिन देवशयनी एकादशी की कथा पढ़ना व सुनना बहुत ही शुभ माना जाता है।

देवशयनी एकादशी की कथा

देवशयनी एकादशी के दिन सभी प्रकार की पूजा, अनुष्ठान, घर या कार्यालय की मरम्मत, गृह प्रवेश, वाहन और आभूषण की खरीदारी करना अच्छा माना जाता है। 

क्या अच्छा होता है 

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