पानी की बोरिंग के लिए करें ये वास्तु टिप्स 

Deepak Kumar Saini -  Vastu & Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि वास्तु के अनुसार पानी की बोरिंग किस दिशा में करनी चाहिए व किस दिशा में नहीं करनी चाहिए?

पानी की बोरिंग

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर-पूर्व दिशा में पानी की बोरिंग स्थापित करना सबसे ज्यादा अच्छा माना जाता है।

उत्तर-पूर्व दिशा

वास्तु शास्त्र के नियमों के तहत घर की उत्तर-पूर्व दिशा यदि उपलब्ध न हो तो पानी की बोरिंग पूर्व दिशा में भी स्थापित कर सकते हैं।

पूर्व दिशा

वास्तु शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार घर की उत्तर-पूर्व और पूर्व दिशा यदि उपलब्ध न हो तो उत्तर दिशा में भी पानी की बोरिंग स्थापित कर सकते हैं।

उत्तर दिशा

वास्तु के तहत यदि उत्तर-पूर्व, पूर्व और उत्तर दिशा उपलब्ध न हो तो उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा में भी पानी की बोरिंग स्थापित करना बहुत ही अच्छा माना जाता है।

उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा

वास्तु के हिसाब से यदि उत्तर-पूर्व, पूर्व, उत्तर और उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा उपलब्ध न हो तो पूर्व-उत्तर-पूर्व दिशा में भी पानी की बोरिंग स्थापित कर सकते हैं।

पूर्व-उत्तर-पूर्व दिशा

वास्तु शास्त्र के आधार पर अग्नि कोण में कभी भी पानी की बोरिंग स्थापित नहीं करनी चाहिए इससे पैसों की हानि हो सकती है।

अग्नि कोण

वास्तु के नियमों के तहत पृथ्वी कोण में कभी भी पानी की बोरिंग स्थापित नहीं करनी चाहिए इससे रिश्ते ख़राब होते हैं।

पृथ्वी कोण

वास्तु शास्त्र के नियमों के हिसाब से ब्रह्मस्थान में पानी की बोरिंग स्थापित करने से पेट से संबंधित बीमारियाँ हो सकती हैं।

ब्रह्मस्थान

अगर आपके घर में पानी की बोरिंग गलत दिशाओं में है तो उसके समाधान के लिए आप वास्तु सलाहकार से सलाह ले सकते हैं।

वास्तु सलाहकार

श्री राधाष्टमी के कुछ रोचक तथ्य