वास्तु शास्त्र में पंचमहाभूत कौन से हैं?

Deepak Kumar Saini -  Vastu, Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि वास्तु शास्त्र में पंचमहाभूत कौन से हैं?

पंचमहाभूत

वास्तु शास्त्र भारत का अति प्राचीन शास्त्र है जिसे आज की भाषा में Science of Architecture कहते हैं।

Science of Architecture 

पृथ्वी पर स्थित हर जीवन यहाँ तक की इमारतें भी इन्ही 5 तत्वों से बनी हैं।

5 तत्व 

वास्तु शास्त्र के पंचमहाभूत हैं आकाश, वायु, अग्नि, जल और भूमि।

वास्तु शास्त्र

आकाश तत्व के भीतर प्रकाश, उष्णता, गुरुत्वाकर्षण और चुंबकीय शक्ति तथा लहरें ये सब प्रभावी शक्तियाँ आती हैं। 

आकाश तत्व 

वायु तत्व के भीतर ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बनडाइऑक्सइड और पानी की भाप और धूलि कण आते हैं जो हर एक जीवन के लिए आवश्यक हैं। 

वायु तत्व 

अग्नि तत्वों के भीतर हर जीवन का प्रकाश, ताप, उत्साह, ओज, ऊर्जा और उष्णता होती हैं जिनके बिना जीवन दुर्लभ है।

अग्नि तत्व

जल तत्व में वर्षा, नदियाँ, सागर, बर्फ, भाप और बादल आते है जिनका उद्देश्य हरेक जीवन के लिए अलग- अलग रहता है।

जल तत्व

पृथ्वी सूर्य माला का तीसरा ग्रह है इसकी चुंबकीय तथा ग्रुत्वकर्षण शक्ति का परिणाम पृथ्वी पर हर जीवित प्राणियों और अजीवित वस्तुओं पर होता है। 

चुंबकीय तथा ग्रुत्वकर्षण

किसी भी जीवन के लिए व वास्तु शास्त्र में पंचमहाभूतों का बहुत अधिक महत्व हैं। 

वास्तु शास्त्र में पंचमहाभूत

वास्तु शास्त्र किसे कहते हैं?

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