धर्म के पाँच आधार कौन-से होते हैं?

Deepak Kumar Saini -  Vastu & Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा बताए गए धर्म के पाँच आधार कौन से होते हैं?

धर्म के 5 आधार

भगवान श्री कृष्ण जी ने अपनी सखी तथा पाँडवों की धर्मपत्नी द्रौपदी को धर्म के पाँच आधारों के बारे में बताया था।

भगवान श्री कृष्ण जी

धर्म को जानने के लिए सबसे पहला आधार ज्ञान होता है जिसकी मदद से हम ज्ञान अर्जित तथा बाँटते हैं।

धर्म का पहला आधार

धर्म को जानने के लिए दूसरा आधार प्रेम होता है जो हमें सबसे करना चाहिए और अगर सबसे संभव न हो सके तो ईश्वर से ज़रूर करना चाहिए।

धर्म का दूसरा आधार

धर्म को जानने के लिए तीसरा आधार न्याय होता है जो हमें अपने जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में काफी सोच समझकर करना चाहिए। 

धर्म का तीसरा आधार

धर्म को जानने के लिए चौथा आधार समर्पण होता है हमें अपने धर्म यानि कि काम के लिए तथा ईश्वर के प्रति समर्पित ज़रूर होना चाहिए।

धर्म का चौथा आधार

धर्म को जानने के लिए अंतिम आधार धीरज होता है जो हमें अपने जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में तथा हमारे जीवन के प्रति ईश्वर की योजनाओं में ज़रूर रखना चाहिए। 

धर्म का अंतिम आधार

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