Rain Water Harvesting के लिए करें ये वास्तु टिप्स
Deepak Kumar Saini - Vastu & Geopathy Coach & Expert
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि किसी भी परिसर में वर्षा जल संचयन यानि Rain Water Harvesting वास्तु के हिसाब से कहाँ बनाना चाहिए।
परिसर में कहाँ बनाए
परिसर में कहाँ बनाए
वर्षा के जल को किसी खास माध्यम से संचय करने या इकट्ठा करने की प्रक्रिया को वर्षा जल संचयन कहा जाता है।
वर्षा जल संचयन
वर्षा जल संचयन
वास्तु के अनुसार किसी भी परिसर की उत्तर से लेकर पूर्व दिशा में वर्षा जल संचयन बना सकते हैं।
सही दिशाएँ
सही दिशाएँ
वास्तु के मुताबिक किसी भी परिसर की उत्तर से लेकर पूर्व दिशा को छोड़कर बाकि दिशाओं में वर्षा जल संचयन कभी नहीं बनाना चाहिए।
गलत दिशाएँ
गलत दिशाएँ
अगर आप अपने परिसर में वर्षा जल संचयन गलत दिशाओं में बनाते हैं तो वहाँ पर कई प्रकार के नुकसान व दुर्घटनाएँ हो सकती हैं।
नकारात्मक प्रभाव
नकारात्मक प्रभाव
अगर आप अपने परिसर में वर्षा जल संचयन सही दिशाओं में बनाते हैं तो वहाँ का जल तत्त्व हमेशा संतुलित रहता है।
सकारात्मक प्रभाव
सकारात्मक प्रभाव
अगर आपके परिसर में वर्षा जल संचयन गलत दिशाओं में है और आप उसका समाधान करना चाहते हैं तो आप किसी नज़दीकी वास्तु सलाहकार की सलाह अवश्य लें।
समाधान
समाधान
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