मंदिर में से आते वक़्त घंटी बजानी चाहिए या नहीं?

Deepak Kumar Saini -  Vastu & Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि मंदिर में से आते वक़्त घंटी बजानी चाहिए या नहीं बजानी चाहिए?

घंटी बजाए या नहीं?

मंदिर में प्रवेश करने से पहले हमारे शरीर पर अनगिनत नकारात्मक शुक्राणु चिपके हुए होते हैं।

 नकारात्मक शुक्राणु

मंदिर में प्रवेश करते हुए जब घंटी बजाई जाती है तब घंटी की ध्वनि से शरीर पर चिपके हुए नकारात्मक शुक्राणु नष्ट हो जाते हैं।

घंटी की ध्वनि

ध्यान रहे कि मंदिर की घंटी बजाते समय ठीक घंटी के नीचे मौजूद होना चाहिए थोड़ी दूरी से भी घंटी बजाने से नकारात्मक शुक्राणुओं का अंत सही से नहीं होता है।

घंटी के नीचे

अगर नकारात्मक शुक्राणुओं का अंत सही से नहीं हो पता है तो मंदिर में पूजा करने के बाद भी सकारात्मक शुक्राणु का संचार शरीर से नहीं हो पाता।

सकारात्मक शुक्राणु

पूजा, दर्शन करने और भजन कीर्तन सुनने के बाद मंदिर से निकलते समय घंटी बजाने से शरीर पर चिपके सभी सकारात्मक शुक्राणुओं का अंत हो जाता है।

घंटी नहीं बजानी चाहिए

वर्तमान में यह बात विज्ञान के द्वारा भी सिद्ध हुई है कि मंदिर में जाने से हमारी आत्मा और शरीर का सीधा संचार हमेशा सकारात्मकता से बना रहता है।

सकारात्मकता

पीपल को पूजनीय क्यों माना जाता है?