भगवान शिव जी के दस अवतार कौन-से हैं?

Deepak Kumar Saini -  Vastu, Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि भगवान शिव जी के दस अवतार कौन-कौन से माने जाते हैं?

भगवान शिव जी के अवतार

महाकाल भगवान शंकर जी के दशावतारों में से प्रथम अवतार हैं इस अवतार में भगवान शंकर जी ने दूषण नामक असुर का वध किया था और इस अवतार की शक्ति महाकाली हैं।

महाकाल

तारकेश्वर भगवान शिव जी के दूसरे अवतार हैं और इस अवतार की शक्ति तारा देवी हैं  इस अवतार में भगवान शिव ने तारकासुर को उस समय दर्शन दिए थे जब वह कार्तिकेय द्वारा परास्त होकर मृत्यु की प्रतीक्षा कर रहा था।

तारकेश्वर

बाल भुवनेश को शिव जी का तीसरा अवतार माना जाता है और इस अवतार की शक्ति माँ बाला भुवनेश मानी जाती हैं। 

बाल भुवनेश

षोडश विद्येश को भगवान शंकर जी का चौथा अवतार माना जाता है और इस अवतार की शक्ति षोडश विद्येश देवी जी मानी जाती हैं।

षोडश विद्येश 

भैरवनाथ को भगवान शिव जी का पांचवा अवतार माना जाता है इस अवतार में भगवान शिव ने अंधकासुर नामक दैत्य का वध किया था और इस अवतार की शक्ति माँ भैरवी हैं। 

भैरवनाथ 

छिन्नमस्तक  भगवान शिव का छठा अवतार हैं यह अवतार शीश रहित अवतार है और इस अवतार की शक्ति छिन्नमस्ता देवी जी को माना जाता है।

छिन्नमस्तक

द्युम्वान भगवान शंकर का सातवाँ अवतार माने जाते हैं और इस अवतार की शक्ति माता द्यूमावती जी मानी जाती हैं।

द्युम्वान

बगलामुख भगवान का आठवां अवतार हैं और इस अवतार की शक्ति माता बगलामुखी को माना जाता हैं। 

बगलामुख 

मातंग भगवान का नौवां अवतार हैं और इस अवतार की शक्ति माता मातंगी जी मानी जाती हैं। 

मातंग

कमल भगवान शंकर का दसवां और अंतिम अवतार माना जाता है और इस अवतार की शक्ति माता कमला जी मानी जाती हैं।

कमल 

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