कावड़ यात्रा का इतिहास क्या है?

Deepak Kumar Saini -  Vastu, Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि कावड़ यात्रा का इतिहास क्या है? 

कावड़ यात्रा

मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम को कावड़ यात्रा की शुरुवात का श्रेय जाता है।

कावड़ यात्रा की शुरुवात

कहा जाता है कि सबसे पहले भगवान परशुराम ने गढ़मुक्तेश्वर धाम से गंगा जल लाकर  उत्तर प्रदेश के बागपत के निकट महादेव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है।

शिव का अभिषेक

जब भगवान परशुराम ने भगवान शिव जी का अभिषेक किया था उस समय श्रावण का महीना चल रहा था। 

श्रावण का महीना

आज के दौर में भगवान परशुराम द्वारा शुरू की गई प्रथा को भगवान शिव जी के भक्तगण हर साल श्रावण के महीने में इस प्रथा का अनुसरण करते हैं। 

प्रथा का अनुसरण

हिंदू पुराणों में यह वर्णित है कि कांवड़ यात्रा का संबंध दूध के सागर के मंथन से है।

यात्रा का संबंध

कांवड के माध्यम से की गई जल की यात्रा का यह पर्व सृष्टि रूपी भगवान शिव जी की आराधना के लिए समर्पित हैं।

जल की यात्रा

भगवान शिव को भांग क्यों अर्पित की जाती है?