भारतीय महिलाएँ नाक में छेद क्यों करती हैं?

Deepak Kumar Saini B.E. (Civil) Vastu & Geopathy Expert

प्राचीन काल से ही विशेष कर भारत में शादी विवाह या किसी त्यौहार पर महिलाएँ अपनी नाक में अलग-अलग प्रकार व आकार के आभूषण पहनती हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार नाक का संबंध मानसिक लैंगिक और प्रेमावेशमय अवस्थाओं में पाया जाता है।

आयुर्वेद के मुताबिक नासिका छिद्र स्थान स्त्री के जनन तंत्र से सम्बन्ध रखता है।

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार नाक का छेद स्त्री की प्रसव वेदना कम करके प्रसूति में आसानी लाता है।

स्त्री के नाक का छेद उन्हें नैसर्गिक मासिक धर्म के समय रजोधर्म वेदना को कम करने में उनकी सहायता करता है।

कई रिसर्च में पाया गया है कि स्त्रियों की स्त्रीयोग संबंधी कई शिकायतें नाक के विशेष भाग की दागने से दुरुस्त होती हैं।

तांत्रिक लोग स्त्रियों के नाक के छेद को छठा ज्ञानेंद्रिय का स्थान जहाँ से मस्तिष्क तरंग का उत्सर्जन होता है ऐसा मानते हैं।

आज भी स्त्रियाँ जब अपनी नाक में छेद करती हैं तो इसका अर्थ यही है कि उन्हें अपनी नाक में छेद करने से अनेक फायदे होते हैं।

कानों में छेद करना क्यों होता है ज़रूरी