Deepak Kumar Saini - Vastu & Geopathy Coach & Expert
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि हमें अपने परिसर के पूजा कक्ष या मंदिर में खड़े हो कर या बैठ कर पूजा करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए?
पूजा कक्ष या मंदिर
पूजा कक्ष या मंदिर
हिंदू धर्म में पूजा करने के कई नियम हैं और अगर पूजा करते समय नियमों का पालन न किया जाए तो पूजा हमेशा अधूरी मानी जाती है।
नियमों का पालन
नियमों का पालन
हिंदू ग्रंथों के मुताबिक पूजा करने के कई शास्त्रीय नियम हैं जिसका पालन पूजा करते समय हर व्यक्ति को ज़रूर करना चाहिए।
शास्त्रीय नियम
शास्त्रीय नियम
हिंदू मान्यताओं के अनुसार खड़े हो कर तथा बैठ कर पूजा करने के अपने-अपने परिणाम हैं।
पूजा के परिणाम
पूजा के परिणाम
मान्यताओं के तहत किसी भी परिसर के पूजा कक्ष या मंदिर में भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों का स्थान हमेशा पूजा करने वाले व्यक्ति से थोड़ा ऊँचा होना चाहिए।
भगवान का स्थान
भगवान का स्थान
मान्यताओं के अनुसार किसी भी परिसर के पूजा कक्ष या मंदिर में भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों का स्थान हमेशा पूजा करने वाले व्यक्ति से कभी भी नीचे नहीं होना चाहिए।
पूजा करने वाला व्यक्ति
पूजा करने वाला व्यक्ति
हिंदू कथाओं के तहत बैठकर हवन, यज्ञ तथा शुभ कार्य किए जाते हैं इसलिए बैठकर पूजा करना सबसे अच्छा माना जाता है।
बैठकर पूजा
बैठकर पूजा
लोक कथाओं के अनुसार आजकल के दौर में खड़े हो कर पूजा करने का प्रचलन है जो कि बिलकुल भी उचित नहीं होता है।
खड़े होकर पूजा
खड़े होकर पूजा
अगर आप खड़े हो कर पूजा करते हैं तो कोशिश करें कि खड़े हो कर पूजा न करें तथा अगर संभव हो तो बैठकर ही पूजा करने का प्रयास करें।