हनुमान जी के 8 स्वरुप कौन-से हैं?

Deepak Kumar Saini -  Vastu & Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि भगवान हनुमान जी के 8 स्वरुप कौन-से हैं?

भगवान हनुमान जी

अतुलितबलधामं का अर्थ है कि भगवान हनुमान जी अतुलित बल के स्वामी हैं।

अतुलितबलधामं

हेमशैलाभदेहम का मतलब है कि भगवान पवनपुत्र हिमालय पर्वत के सामान हैं।

हेमशैलाभदेहम

दनुजवनकुसानुष्म अर्थात भगवान बजरंग बलि दैत्यों के वन को जलाते हैं तथा नाश करते हैं।

दनुजवनकुसानुष्म

ज्ञानानामअग्रगण्य का अर्थ है कि भगवान मारुती ज्ञानियों में सबसे महान हैं।

ज्ञानानामअग्रगण्य

सकलगुणनिधानम का मतलब है कि भगवान केसरी नंदन संपूर्ण गुणों को धारण करने वाले मात्र एक हैं।

सकलगुणनिधानम

वनरनामदिशम अर्थात भगवान अंजनी पुत्र वानरों के प्रमुख हैं।

वनरनामदिशम

रघुपति प्रिया भक्तम का अर्थ है कि भगवान हनुमान जी भगवान श्री राम जी के लिए अत्यंत प्रिय हैं।

रघुपति प्रिया भक्तम

वातजतम नमामि का मतलब है कि भगवान वायुपुत्र हैं जिनको हम सब नमन करते हैं।

वातजतम नमामि

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