नवरात्रि के दूसरे दिन पूजी जाने वाली ब्रह्मचारिणी माता कौन हैं?

ब्रह्मचारिणी माता की नवरात्रि पर्व के दूसरे दिन पूजा-अर्चना की जाती है।

माता ब्रह्मचारिणी पूर्व जन्म में राजा हिमालय के घर मैना के गर्भ से उत्पन्न हुईं थी।

महर्षि नारद के कहने पर ब्रह्मचारिणी माता ने महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।

हज़ारों वर्षों तक कठोर तपस्या और आचरण करने से ही इनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा था।

ब्रह्मचारिणी माँ के दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। 

माँ दुर्गा जी का यह दूसरा स्वरूप भक्तों और सिद्धों को अनन्तफल देता है।

ब्रह्मचारिणी माँ की उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है।

माँ ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा करने से सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि के पहले दिन पूजी जाने वाली शैलपुत्री माता कौन हैं?