Deepak Kumar Saini - Vastu & Geopathy Coach & Expert
शरद नवरात्रि: ब्रह्मचारिणी माता कौन हैं?
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि शरद नवरात्रि के दूसरे दिन पूजे जाने वाली ब्रह्मचारिणी माता कौन हैं?
ब्रह्मचारिणी माता
ब्रह्मचारिणी माता
ब्रह्मचारिणी माता दुर्गा जी के नौ रूपों की दूसरी स्वरुप हैं।
नौ रूप
नौ रूप
ब्रह्मचारिणी माता महर्षि नारद के कहने पर महादेव जी को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।
महर्षि नारद
महर्षि नारद
हज़ारों साल तक कठोर तपस्या और आचरण करने से ही इनका नाम ब्रह्मचारिणी माता पड़ा था।
तपस्या और आचरण
तपस्या और आचरण
ब्रह्मचारिणी माता के दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है।
जप की माला और कमण्डल
जप की माला और कमण्डल
ब्रह्मचारिणी माता की उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है।
ब्रह्मचारिणी माता की उपासना
ब्रह्मचारिणी माता की उपासना
ब्रह्मचारिणी माता देवी जी की पूजा करने से सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है।
सिद्धि और विजय
सिद्धि और विजय
शरद नवरात्रि में कहाँ रखें माता की चौकी?
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