क्यों किया जाता है मंत्रों का 108 बार जाप

Depak Kumar Saini B.E. (Civil) Vastu & Geopathy Expert

मंत्र उच्चारण करते वक़्त हमेशा माला का जाप 108 बार करना बहुत ही शुभ होता है आइए जानें इसके पीछे के कारण क्या हैं और इसका महत्व क्या है?

प्राचीन काल से ही मंत्रों का जाप करना भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है तथा माला विभिन्न चीज़ों की जैसे रुद्राक्ष, मोती व तुलसी की होती है और इनसे जाप किया जाता है।

प्राचीन काल से मंत्रों की परंपरा

शास्त्रों के अनुसार बिना माला के संख्या हीन जाप निष्फल होता है। माला 108 मोतियों से बनी होती है दरअसल ये केवल एक संख्या मात्रा ही नहीं है बल्कि इसका विशेष उपयोग भी है।

मालाओं का महत्व

माला में 108 दानों का विशेष महत्व है और हिन्दू धर्म में 108 की संख्या को काफी शुभ माना जाता है और कोई भी पूजा 108 बार मंत्रोच्चारण के बिना अधूरी मानी जाती है।

108 संख्या है शुभ

मंत्रों का जाप वेदों से हुआ है और इसका सीधा संबंध हमारी संस्कृति से है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सभी मंत्र संस्कृत भाषा से निकले हैं।

मंत्रों की उत्पत्ति

यदि 54 संख्या को 2 से गुना किया जाए तो ये संख्या 54 X 2 = 108 बनाती है यही वजह है कि किसी भी मंत्र का उच्चारण 108 शुभ संख्या के साथ अत्यंत फलदाई होता है।

108 संख्या क्यों है शुभ

यदि व्यक्ति की इच्छाओं की बात करें तो उनकी संख्या 108 ही होती हैं और सूर्य का व्यास पृथ्वी के व्यास से 108 गुना ज्यादा होता है इसलिए ही किसी भी मात्रा 108 बार जाप किया जाता है।

व्यक्ति की 108 इच्छाएँ

हमारा राशि चक्र 12 राशियों में विभाजित हैं और हिन्दू धर्म में 9 ग्रह होते हैं, यदि आप 12 को 9 से गुना करेंगे तो 108 संख्या ही आती है इसलिए यह अत्यंत शुभ है।

108 संख्या का राशि से जुड़ाव

घर में शमी के पौधे के लिए वास्तु टिप्स