भारतीय महिलाएँ हाथों और पैरों पर मेहँदी क्यों लगाती हैं?
Deepak Kumar Saini - Vastu & Geopathy Coach & Expert
भारतीय महिलाएँ
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि भारतीय महिलाएँ अपने हाथों और पैरों पर मेहँदी क्यों लगाती हैं?
14वां संस्कार
महर्षि वेद व्यास जी के अनुसार हाथों और पैरों पर मेहँदी लगाना स्त्रियों के 16 संस्कारों में से 14वां संस्कार माना गया है।
पुरुष व महिला
शास्त्रीय दृष्टिकोण के मुताबिक विवाह के समय पुरुष व महिला दोनों को ही मेहँदी लगाना बहुत शुभ माना जाता है।
विवाहित व अविवाहित
वर्तमान में देखा जाए तो सभी विवाहित व अविवाहित महिलाएँ किसी भी शादी व त्यौहार पर मेहँदी लगाती हैं।
मानसिक तनाव
पुरुष हो या स्त्री शादी व त्यौहार की धूमधाम, रात का जागरण, तैयारियाँ, मेहमानों का आगमन आदि सभी बातों से मानसिक तनाव उत्पन्न हो जाता है।
तनाव से मुक्ति
ऐसा देखा गया है कि मेहँदी लगाने से शरीर को ठंडक मिलती है तथा मानसिक तनाव से मुक्ति मिलने में मदद मिलती है।
तंत्रिकाओं के छोर
चाहे स्त्री हो या पुरुष सबके हाथों और पैरों में तंत्रिकाओं के छोर होते हैं और मेहँदी लगाने से तंत्रिका तंत्र भी नियंत्रण में रहता है।
शरीर में शीतलता
मेहँदी हाथों और पैरों लगाने से शरीर में शीतलता उत्पन्न होती है।
जंतुनाशक गुण
वैज्ञानिकों के अनुसार मेहँदी में जंतुनाशक गुण पाए जाते हैं इसलिए पैरों और हाथों पर मेहँदी लगाना बहुत ही अच्छा होता है।
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