हिंदू धर्म में पुरुष जनेऊ क्यों पहनते हैं?

Deepak Kumar Saini -  Vastu & Geopathy Coach & Expert

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि हिंदू धर्म में पुरुष जनेऊ क्यों पहनते हैं?

पुरुष जनेऊ

हिंदू धर्म में जो 16 संस्कार होते हैं उनमें से जनेऊ को भी धारण करना एक संस्कार माना जाता है।

16 संस्कार

वर्तमान में जनेऊ का प्रचलन बहुत कम हो गया है परंतु जनेऊ हमारे कर्मकांड का एक भाग है जिसमें बिना क्रम के बंधनों से बांधा जाता है।

प्रचलन

वैदिक काल में जनेऊ धारण करने के बाद ही बालक को यज्ञ और स्वाध्याय करने का अधिकार प्राप्त होता था।

बालक को यज्ञ

हमारे शरीर के पृष्ठ भाग में पीठ पर प्राकृतिक रेखा है जो विद्युत् प्रवाह की तरह काम करती है।

विद्युत् प्रवाह

हमारे शरीर की यह प्राकृतिक रेखा दाएँ कंधे से लेकर कटिप्रदेश तक स्थिर होती है तथा यह अत्यंत सूक्ष्म नस होती है।

अत्यंत सूक्ष्म

अगर हमारी इस प्राकृतिक रेखा पर संक्रमण होता है तो हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जिसे हर्पस कहते हैं।

प्राकृतिक रेखा पर संक्रमण

यदि शरीर की यह प्राकृतिक नस सही अवस्था में हो तो मनुष्य काम, क्रोध आदि विचारों में हमेशा दूर रहता है।

प्राकृतिक नस

हिंदू धर्म में कई पुरुष जनेऊ धारण करते हैं क्योंकि जनेऊ शरीर की इस नस को हमेशा ऊर्जा से भरा रखता है।

ऊर्जा

जनेऊ धारण करने से मनुष्य गलत कर्मों से भी दूर रहने लगता है।

गलत कर्म

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